मसान में सोना : अण्णा भाऊ साठे
Created on August 14, 2020
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श्रोताओं, सहकार रेडियो पर कहानियों का कारवां कार्यक्रम में आज आप सुनेंगे मराठी साहित्य का मक्सिम गोर्की कहे जाने वाले अण्णाभाऊ साठे की कहानी ‘मसान में सोना’| साथियो, ये एक त्रासदी है कि उनके ज्यादातर साहित्य का भारत की अन्य भाषाओं में अनुवाद नहीं हुआ है व महाराष्ट्र के बाहर अधिकांश भारतीय उनकी रचनाओं से अपरिचित हैं। आज उनकी ये कहानी आपसे साझा कर रहे हैं। इसका हिन्दी अनुवाद रमणिका गुप्ता ने किया है। कहानी को परिचय सहित हमने लिया है यूनाईटिंग वर्किंग क्लास के ब्लॉग से| आवाज़ है पवन सत्यार्थी की|
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