वर्त्तमान दौर में गांधीवाद की प्रासंगिकता: गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार के साथ “फ़ोन पर चर्चा”
Created on August 14, 2020
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श्रोताओं नमस्कार । आज है 2 अक्टूबर यानी गांधी जी की 150 वीं जयंती। दुनिया के कई देशों में गांधीवादी लोग और सरकारी-गैर सरकारी संस्थायें आज अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन कर रही हैं। गांधी के विचारों को जन जन तक ले जाने की बातें और कोशिशें भी हो रही हैं। इस मौके पर सहकार रेडियो भी अपने श्रोताओं के लिए पूरे सप्ताह चलने वाली कार्यक्रमों की श्रृंखला लेकर आया है। जिनके माध्यम से हम गांधी जी के विचारों, उनके रास्ते और जमीनी स्तर पर हो रहे गांधीवादी प्रयासों के बारे में जानने समझने की कोशिश करेंगे। हम जानेंगे कि वर्तमान समय की राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व सामाजिक समस्याओं का गांधीवाद क्या समाधान बताता है। हम ये भी जानेंगे कि गांधीवादी रास्ता तर्क और वैज्ञानिकता की कसौटी पर कितना खरा उतरता है। इस क्रम में हम गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ताओं और गांधीवाद के आलोचकों से भी बातचीत करेंगे। जिसकी आडियो रिकाॅडिंग आपको सुनवायी जायेगी। तो आज इस श्रृंखला की शुरूआत करते हुए हम आपको सुनवाने जा रहे हैं, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार से फोन पर हुई बातचीत। गांधी जी से जुडे़ कुछ पहलुओं पर उनसे बात की है साथी पवन ने।
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