गार्गी: कात्यायनी – पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं की दोयम दर्जे के जीवन स्तर को रेखांकित करती कविता
Created on August 15, 2020
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श्रोताओं नमस्कार,
सहकार रेडियो पर विचारों के सफ़र में आज आप सुनेंगे कवियत्री कात्यायनी की कविता “गार्गी”| इसे हमने ब्लॉग “यूनाइटिंग वर्किंग क्लास” से साभार लिया है| कविता “महानता” और “त्याग” के तमगो की आड़ में घर की चहारदीवारी के भीतर कैद महिलाओं की स्थिति और पुरुष प्रधान समाज में उसकी दोयम दर्जे के जीवन स्तर को रेखांकित करती है। सेअपनेका जीवन इसे सुनिए और अधिक से अधिक लोगों को शेयर भी कीजिए|
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