ऑडियो बुक : ईश्वर का बहिष्कार-राधामोहन गोकुल
Created on July 10, 2021
ऑडियो यहाँ सुने और डाउनलोड करें:
भाग-1 (ईश्वर का बहिष्कार-1), आवाज़-पवन
भाग-2 (ईश्वर का बहिष्कार-2), आवाज़-पवन सत्यार्थी
भाग-3 (ईश्वर का बहिष्कार-3), आवाज़-पवन सत्यार्थी
भाग-4 (ईश्वर का बहिष्कार-4), आवाज़-पवन सत्यार्थी
भाग-5 (सत्यं धर्म सनातनः-1), आवाज़-पवन सत्यार्थी
भाग-6 (सत्यं धर्म सनातनः-2), आवाज़-पवन सत्यार्थी
भाग-7 (सत्यं धर्म सनातनः-3), आवाज़-पवन सत्यार्थी
भाग-8 (सत्यं धर्म सनातनः-4), आवाज़-पवन सत्यार्थी
श्रोताओं,
साथियो किताबें करती हैं बातें कार्यक्रम में हम आपके लिए लेकर आए हैं राधामोहन गोकुल जी की पुस्तक “ईश्वर का बहिष्कार” की ऑडियो रिकॉर्डिंग। राधामोहन गोकुल जी का जन्म 15 दिसम्बर, 1865 को इलाहाबाद के पास भदरी रियासत में हुआ था। गोकुल जी के दयानन्द सरस्वती, लाला लाजपत राय, मदन मोहन मालवीय, और महात्मा गांधी से लेकर रासबिहारी बोस, शचींद्रनाथ सान्याल, चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह तक से निकट सम्पर्क रहे थे। भगत सिंह और शिव वर्मा आदि को वैज्ञानिक समाजवाद के विचारों तक पहुंचाने में उनकी अहम भूमिका रही थी। साहित्य और पत्रकारिता की दुनिया में उस समय के शीर्ष लोगो जिनमें मुख्य रूप से गणेश शंकर विद्यार्थी, निराला और प्रेमचंद आदि से न सिर्फ उनका सम्पर्क सानिध्य रहा, बल्कि उनके कई कनिष्ठ समकालीन उन्हे अपना प्रेरणा पुरुष मानते थे। मुंशी प्रेमचंद के अनुसार, “राधामोहन गोकुल जी हिंदी के उन गिने चुने लेखकों में हैं, जिन्होंने धार्मिक, सामाजिक और नैतिक विषयों पर स्वतंत्र विचार किया है और उन विचारों का निडर होकर पालन किया है। आपके विचारों में मौलिकता है, गहरा अन्वेषण है और आदमी को कायल करने वाली सच्चाई है। आप जात पांत, छूत छात, धर्म संप्रदाय इन सभी को समाज के लिए घातक और उसकी स्वाभाविक प्रगति में बाधक समझते हैं और आपकी दलीलों के सामने सिर न झुका देना कठिन है। हम तो यही कहेंगे कि आपके रूप में महात्मा चार्वाक ने अवतार लिया है।” उपरोक्त परिचय के अंश पुस्तक से लिए गए हैं। श्रोताओं आपको बता दें कि राधामोहन गोकुल जी की चार पुस्तके राहुल फाउंडेशन लखनउ ने प्रकाशित की हैं। इस पुस्तक के अतिरिक्त जो और तीन पुस्तकें हैं, वो हैं- “लौकिक मार्ग”, “धर्म का ढकोसला” और “स्त्रियों की स्वाधीनता”। हमारी कोशिश है कि सिलसिलेवार तरीके से इन चारों किताबों की ऑडियो रिकॉर्डिंग आप तक पहुंचाई जाए। आप चाहें तो janchetnabooks.org वेबसाइट पर जाकर ये किताबें मंगवा भी सकते हैं। इस पुस्तक मे क्रमशः कुल तीन लेख हैं- “ईश्वर का बहिष्कार”, “सत्यं धर्म सनातन:” तथा “धर्म और ईश्वर”। पहले लेख के आधार पर ही इस पुस्तक का शीर्षक रखा गया है, यह लेख “माधुरी”, में नवम्बर 1925 से फ़रवरी 1926 के बीच कुल चार भागों में प्रकाशित हुआ था। तो क्रमशः इस पुस्तक के सभी लेखों को कई भागों में प्रसारित किया जा रहा है| इसे स्वयं तो सुनें ही, अन्य लोगों को भी शेयर करें|
पुस्तक की यूट्यूब प्लेलिस्ट :
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