विचार यात्रा : मनुष्य और उसका श्रम – मैक्सिम गोर्की

Created on August 31, 2022

 

ऑडियो यहाँ सुने और डाउनलोड करें:

श्रोताओं नमस्कार,

आज विचारों की यात्रा में हम आपके लिए लाए हैं क्रांतिकारी लेखक मैक्सिम गोर्की का एक उद्धरण जिसमे उन्होंने संसार में मनुष्य की भूमिका उसके श्रम और खून पसीने से बनी इस सुन्दर दुनिया और इस सबके बावजूद हो रही उसकी बेकद्री या इंसानी मूल्यों से दूर होते समाज के बारे में उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की है| इस उद्धरण को हमने लिया है आनंद सिंह की फेसबुक वाल से| आवाज़ है पवन सत्यार्थी की|

YouTube पर  देखे:

 

 


 

सोशल मीडिया पर हमसे जुड़ें: 

आप हमसे YouTube /  Facebook / टेलीग्राम चैनल या फिर Twitter पर भी जुड़ सकते हैं|WhatsApp ग्रुप से जुड़कर ताज़ा कार्यक्रमों की लिंक और ऑडियो क्लिप पाने के लिए 9617226783 पर नाम व ज़िला लिखकर भेजें या फॉर्म भरने के लिए यहाँ क्लिक करें|

 


 

अपनी “आर्थिक सहभागिता/सहकार” भी सुनिश्चित करें!!

मासिक सहकार/सदस्यता

प्रिय साथियो, 'सहकार रेडियो' का यह प्रयास सरकारों व कारपोरेट घरानों के दबाव से मुक्त रहकर लगातार चलता रहे, इसके लिए आपकी आर्थिक भागीदारी भी ज़रुरी है| श्रोताओं के लिए एक न्यूनतम (मासिक) सहयोग राशि तय की गई है| हमें लगता है कि सहयोग स्वरुप कम से कम इतनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन तो आपको करना ही चाहिए| हांलाकि यह सहयोग अनिवार्य नहीं, स्वैच्छिक है| 25 रूपए प्रतिमाह की दर से आप अपनी समयावधि और सहयोग की राशि चुन सकते हैं|

अतिरिक्त आर्थिक सहयोग

यदि आप मासिक सहकार/सदस्यता से अतिरिक्त सहयोग भी दे  सकते हैं, तो सहकार रेडियो के विस्तार, तकनीकी संसाधनों को बेहतर करने, पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं के बुनियादी खर्चों तथा रचनात्मक तरीकों से और भी प्रगतिशील-जनवादी अंतर्वस्तु वाले कार्यक्रम बनाने के लिए हमें आपके सहयोग/सहकार की ज़रुरत है| आपकी स्वेच्छानुसार जो भी सहयोग राशि जिस भी अंतराल में (मासिक/वार्षिक/एक बार के लिए आदि) आप देना चाहें, नीचे दी गयी बटन पर क्लिक करके चुन सकते हैं|  

 

विस्तृत रूप से ‘प्रतिक्रिया/सुझाव’ के लिए यहाँ क्लिक करें |

 

 

  • 1

[There are no radio stations in the database]