विचार यात्रा : इस लोकतंत्र पर कर सकते हैं यकीन तो…. -आदित्य कमल

Created on February 6, 2023

 

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“विचार यात्रा” के आज के पड़ाव पर प्रस्तुत है पटना, बिहार से जनवादी कवि और गीतकार साथी आदित्य कमल की कविता “कर सकते हैं यकीन तो शौक से करें”| कविता इस समूचे तंत्र यानी अर्थतंत्र, लोकतंत्र, शासन तंत्र व जनतंत्र के बारे में बात करती है| सुनिए और अन्य लोगों को भी शेयर कीजिए|

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