मार्क्सवादी नज़रिए से गांधीवाद का मूल्यांकन

Created on April 14, 2015

 

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श्रोताओं नमस्कार।सहकार रेडियो पर आपका स्वागत है| गांधी जी की 150 वीं जयंती के मौके पर अलग अलग दृष्टिकोणों से उन्हें जानने-समझने की कोशिश के तहत हम आपको सुनवाने जा रहे हैं मज़दूर बिगुल अखबार के सम्पादक अभिनव सिन्हा से फोन पर हुई बातचीत| उन्होंने गांधीवाद के विभिन्न पहलुओं को तर्क और वैज्ञानिकता की कसौटी पर कसते हुए अपने आलोचनात्मक विचार व्यक्त किये हैं| आशा है इस बातचीत के माध्यम से आपको गांधीवाद को समझने का एक अलग नजरिया मिलेगा| ज़ाहिर है इन विचारों से आपकी सहमतियाँ और असहमतियाँ भी हो सकती है| जिन्हे आप सहकार रेडियो के यूट्यूब चैनल या फेसबुक पेज पर इस कार्यक्रम के कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं|
अभिनव सिन्हा से इस सन्दर्भ में फ़ोन पर चर्चा की है पवन सत्यार्थी ने| सुनिए ये बातचीत|

 

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