नौजवानों से दो बातें-पीटर क्रोपोटकिन (An Appeal To Young)

Created on March 24, 2020

 

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भाग-1

भाग-2

भाग-3

भाग-4

भाग-5

 

श्रोताओं नमस्कार,
सहकार रेडियो के कार्य क्रम “किताबें करती हैं बातें”में आपका एक बार फिर स्वागत है| इस कार्यक्रम में फ़िलहाल आप सुन रहे हैं, क्रांतिकारी पीटर क्रोपोटकिन का लेख “नौजवानों से दो बातें” यानी (an appeal to young)| लेख की ऑडियो फाइल कुल पांच भागों में बांटी गई है|

श्रोताओ आपको बता दें कि यह लेख पहली बार पीटर क्रोपोटकिन के अखबार “ला रिवोल्ट” में 1880 में प्रकाशित हुआ था| उसके बाद से दुनियाभर में एक पर्चे के रूप में बार-बार छपता रहा और आज भी इसकी अपील उतनी ही प्रभावी और झकझोर देने वाली है, जितनी उस समय थी| पीटर क्रोपोटकिन इस लेख में बड़े ही रोचक तरीके से समाज की विभिन्न बुनियादी समस्याओं की तरफ ध्यान आकर्षित करवाते हुए हमें झकझोरते हैं और हमारे आसपास की रोज़मर्रा की दिक्कतों का ज़िक्र करते हुए बहुत ही बारीकी से यह समझाते हैं कि आखिरकार समाजवादी व्यवस्था कायम करने की ज़रूरत क्यों है| इसे पुस्तिका के रूप में प्रकाशित किया है “राहुल फाउंडेशन” ने| हिंदी अनुवाद किया है सत्यम वर्मा ने| आवाज़ है पवन सत्यार्थी की| किताब प्राप्त करने के लिए आप जनचेतना बुक्स, लखनऊ (janchetnabooks.org/) से संपर्क कर सकते हैं| सीधे व्हाट्सएप पर इस लेख की ऑडियो फाइल पाने के लिए 967226783 पर संपर्क कर सकते हैं|

 

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