व्यंग कथा : “भेड़ें और भेड़िये”-हरिशंकर परसाई
Created on November 29, 2020
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श्रोताओं नमस्कार, “कहानियों का कारवां” कार्यक्रम में आज आप सुनेंगे हरिशंकर परसाई की व्यंग कथा- “भेड़ें और भेड़िये”। कहानी सरकारों, उनके धनकुबेर आकाओं और मेहनतकश वर्ग यानी किसान-मजदूर के बीच के आपसी संबंध को, या यूं कहा जाए कि वर्ग संघर्ष के कुछ बुनियादी नियमों को बड़ी ही आसान भाषा मे समझाती है।
वर्त्तमान किसान आन्दोलन को कुचलने के लिए सरकार ने जिस संवेदनहीनता और अमानवीयता का परिचय दिया है, ये घटनाक्रम भी इस व्यंग कथा द्वारा उठाए हर सवाल को जायज ठहराते हैं| कहानी को अपनी आवाज़ दी है पवन सत्यार्थी ने| कहानी पसंद आए तो इसे अन्य लोगों को भी शेयर करें और कमेन्ट बॉक्स में अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया ज़रूर दें।
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