खरी-खरी : आहत होने की लत- विष्णु नागर
Created on July 4, 2022
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“इन्हें इरफ़ान पठान में भारत का एक नामी क्रिकेटर नहीं दीखता, शाहरुख खान और आमिर खान में एक्टर नहीं नजर आता। मुसलमान नजर आता है।और मुसलमान भी इसलिए कि उससे नफ़रत की जाए! इन्हें शाहरुख खान, लता मंगेशकर के लिए खुदा से दुआ मांगता नजर नहीं आता, थूकता हुआ नजर आता है। इरफ़ान पठान उदयपुर के कन्हैयालाल की दो आतंकवादियों द्वारा हत्या का विरोध करे तो यह भी इन्हें सुहाता नहीं। नफ़रत भले नुपूर शर्मा फैलाए मगर गिरफ्तार मोहम्मद ज़ुबैर होगा। ज़ुबैर इनके लिए झूठ का पर्दाफाश करने वाला पत्रकार नहीं, मुसलमान है। नुपूर शर्मा के खिलाफ नौ एफआईआर होगी मगर पूरी दुनिया में भारत की बदनामी करने वाली यह ‘वीरांगना’ गिरफ्तार नहीं होगी क्योंकि कानून में शायद इन्होंने कहीं लिख रखा होगा कि इनके ‘फ्रिंज एलीमेंट’ को गिरफ्तार करना नियम विरुद्ध होगा। गिरफ्तार होंगे इनकी हकीकत को सामने लाने वाले ज़ुबैर।”
श्रोताओं सहकार रेडियो के कार्यक्रम “खरी-खरी” की इस कड़ी में प्रस्तुत है पत्रकार, कवि और लेखक विष्णु नागर जी का एक और व्यंग लेख| जिसे उनकी फेसबुक वाल से लिया गया है| इसका शीर्षक है- “आहत होने की लत”| आवाज़ है पवन सत्यार्थी की|
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