खरी-खरी : ‘देशद्रोहियों’ की बढ़ती तादाद- विष्णु नागर
Created on December 27, 2022
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“कुछ भोले थे, शरीफ़ थे। उन्होंने कोई बेईमानी नहीं की, कोई ‘ देशद्रोह ‘ नहीं किया। जो किया, यह सोचकर किया कि संविधान और कानून के मुताबिक कर रहे हैं।वे समय की गति को पहचान नहीं पाए कि ‘देशभक्ति’ की धारणा पूरी तरह बदल चुकी है। जो नरेन्द्र मोदी चाहते हैं, वही संविधान है, वही कानून है, वही ‘देशभक्ति’ है।”
श्रोताओं, सहकार रेडियो के कार्यक्रम “खरी-खरी” की इस कड़ी में प्रस्तुत है पत्रकार, कवि और लेखक विष्णु नागर जी का एक और व्यंग लेख| जिसे उनकी फेसबुक वाल से लिया गया है| लेख का शीर्षक है- ‘देशद्रोहियों’ की बढ़ती तादाद| आवाज़ है पवन सत्यार्थी की|
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