विचार यात्रा : कानून और न्याय के बारे में- मुंशी प्रेमचन्द
Created on August 2, 2021
ऑडियो यहाँ सुने और डाउनलोड करें:
श्रोताओं, सहकार रेडियो पर आज की “विचार यात्रा” आप करेंगे प्रेमचन्द के कानून और न्याय संबंधी उद्धरणों/ विचारों के साथ। आपको तो मालूम ही होगा कि प्रेमचन्द ने अपनी लेखनी चलाते हुए किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया। शोषणकारी और दमनकारी नीतियों-कानूनों का तो विरोध किया ही, साथ ही साथ शासक वर्ग के चरित्र को भी बेनकाब किया। सरकारों और उनके पूंजीपति आकाओं-सलाहकारों को कठघरे में खड़ा करने से वो पीछे नहीं रहते थे।
तो साथी प्रभात दर्शी की आवाज़ में सुनिए वो इस सन्दर्भ में क्या सोचते थे|
YouTube पर देखे:
सोशल मीडिया पर हमसे जुड़ें:
आप हमसे YouTube / Facebook / टेलीग्राम चैनल या फिर Twitter पर भी जुड़ सकते हैं|WhatsApp ग्रुप से जुड़कर ताज़ा कार्यक्रमों की लिंक और ऑडियो क्लिप पाने के लिए 9617226783 पर नाम व ज़िला लिखकर भेजें या फॉर्म भरने के लिए यहाँ क्लिक करें|
अपनी “आर्थिक सहभागिता/सहकार” भी सुनिश्चित करें!!
मासिक सहकार/सदस्यता प्रिय साथियो, 'सहकार रेडियो' का यह प्रयास सरकारों व कारपोरेट घरानों के दबाव से मुक्त रहकर लगातार चलता रहे, इसके लिए आपकी आर्थिक भागीदारी भी ज़रुरी है| श्रोताओं के लिए एक न्यूनतम (मासिक) सहयोग राशि तय की गई है| हमें लगता है कि सहयोग स्वरुप कम से कम इतनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन तो आपको करना ही चाहिए| हांलाकि यह सहयोग अनिवार्य नहीं, स्वैच्छिक है| 25 रूपए प्रतिमाह की दर से आप अपनी समयावधि और सहयोग की राशि चुन सकते हैं| |
अतिरिक्त आर्थिक सहयोग यदि आप मासिक सहकार/सदस्यता से अतिरिक्त सहयोग भी दे सकते हैं, तो सहकार रेडियो के विस्तार, तकनीकी संसाधनों को बेहतर करने, पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं के बुनियादी खर्चों तथा रचनात्मक तरीकों से और भी प्रगतिशील-जनवादी अंतर्वस्तु वाले कार्यक्रम बनाने के लिए हमें आपके सहयोग/सहकार की ज़रुरत है| आपकी स्वेच्छानुसार जो भी सहयोग राशि जिस भी अंतराल में (मासिक/वार्षिक/एक बार के लिए आदि) आप देना चाहें, नीचे दी गयी बटन पर क्लिक करके चुन सकते हैं| |
विस्तृत रूप से ‘प्रतिक्रिया/सुझाव’ के लिए यहाँ क्लिक करें |
-
1