विचार यात्रा : कानून और न्याय के बारे में- मुंशी प्रेमचन्द

Created on August 2, 2021

 

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श्रोताओं, सहकार रेडियो पर आज की “विचार यात्रा” आप करेंगे प्रेमचन्द के कानून और न्याय संबंधी उद्धरणों/ विचारों के साथ। आपको तो मालूम ही होगा कि प्रेमचन्द ने अपनी लेखनी चलाते हुए किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया। शोषणकारी और दमनकारी नीतियों-कानूनों का तो विरोध किया ही, साथ ही साथ शासक वर्ग के चरित्र को भी बेनकाब किया। सरकारों और उनके पूंजीपति आकाओं-सलाहकारों को कठघरे में खड़ा करने से वो पीछे नहीं रहते थे।

तो साथी प्रभात दर्शी की आवाज़ में सुनिए वो इस सन्दर्भ में क्या सोचते थे|

 

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