मै नास्तिक क्यों हूँ: भगत सिंह
Created on August 14, 2020
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मित्रो नमस्कार , सहकार रेडियो में आपका स्वागत है। शहीद भगत सिंह और अन्य क्रांतिकारियों से जुड़े लेखों व अन्य दस्तावेज़ों की कड़ी में प्रस्तुत है भगत सिंह द्वारा लिखा गया लेख “मैं नास्तिक क्यों हूँ”। आपको बता दें कि सहकार रेडियो ऐसे ही तमाम प्रगतिशील लेखों और चर्चा बहस को ऑडियो फॉर्म में श्रोताओं तक ले जाने के लिए कृतसंकल्प है। इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है, वो ये कि ऐसी तमाम सामग्री उन लोगों तक पहुचाई जा सके, जो पढ़-लिख नही सकते, पढ़ने की आदत नहीं है या ऐसे लोग जो इंटरनेट स्मार्टफोन का खर्च वहन नही कर सकते। अतः आप लोगों से यह अनुरोध है कि सहकार रेडियो पर प्रसारित सामग्री यदि आपको पसंद आती है, और आपको लगता है, कि इसे अन्य लोगों को भी सुनना चाहिए, तो इसे व्हाट्सएप्प पर तो शेयर कीजिए ही, साथ ही इसे आप ब्लूटूथ के माध्यम से उन लोगों को भी दे सकते हैं, जिनके पास स्मार्टफोन या इंटरनेट की सुविधा नही है। साथ ही जिनके पास फोन ही नही है, उन्हें भी अपने फोन से सुनाएं और समाज को बेहतर बनाने के काम में एक छोटी सी ज़िम्मेदारी का निर्वहन करें। श्रोताओं हम जानते हैं कि भगत सिंह के विचारों को उन्हीं की भावनाओं और उनके सम्पूर्ण आवेग के साथ प्रस्तुत करना हमारे वश की बात नही, लेकिन चूंकि इन विचारों को जन जन तक पहुंचाने के काम को करना ही होगा, इसलिए हम ये दुस्साहस कर रहे हैं। इस लेख को रिकॉर्ड किया है पवन सत्यार्थी ने।।
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